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खाद्य सुरक्षा कानून:
>क्या है?
भारत के सन्दर्भ में सरकार द्वारा अनुमोदित ऐसा कानून जो देश के नागरिको को भोजन की गारंटी का अधिकार देता है .यह महत्वकांक्षी योजना सस्ते दामो में आम जन को खाद्य सामाग्री मुहयिया कराएगा ।
>क्यों है जरुरत?
-सरकारी आंकड़ो के अनुसार आज भी देश में लगभग तीस शत नागरिक गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करते है बहुतो को तो दो वक्त की रोटी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है
-भुखमरी भारत ही नही पुरे विश्व की भी चिंता का सबब बनी हुई है
-संयुक्त राष्ट्र के अनुशार विश्व भर में दस लाख सेज्यादा बच्चो की मौत का कारन भूख है
-कुपोषण हमारे भविष्य को दाव में लगा रहा है ,बच्चो के चौमुखी विकास में सबसे बड़ी बाधा है
-देश का लाखो टन अनाज भंदर्तन की कमी से सड रहा है
>किसको होगा फायदा ?
गरीबी उन्मोलन में सहायक होगा ,गरीबो की कमाई का बड़ा हिस्सा खाने में कर दिया जाता है इस कानों के लागु हो जाने के बाद गरीब इस खर्च को बचा पायेगा अपने स्वस्थय एवं अन्य जरुरतो को कर पायेगा
> कानून के प्रमुख प्रावधान
-देश की ६७% जनसंख्या को भोजन की सुरक्षा देने की बात कही गयी है-ग्रामीण आवादी का ७५ षट् और शहरी आबादी का ५० षट् लोगो को यह अधिकार मिलेगा
-प्रटेक परिवार के हर सदस्य को ५ किलो अनाज और अंत्योदय परिवार को ३५ किलो खाद्य सामग्री (अनाज ) दिया जायेगा यदि किसी कारण वस ऐसा न्ही हो पता है तो उसे भत्ता दिया जायेगा।
-मूल्य ३ रुपिया किलो चावल ,२ रुपिया किलो गेहू ,१ रुपिया किलो मोटा अनाज (चना, मटर ,ज्वार,)
-इस कानून के अंतर्गत गर्भवती महिलाओ और १४ से कॅम उम्र के बच्च्छो के लिये विशेष प्रावधान है-
-जिला और राजाइया स्तरीय सिकायत निवारण केन्द्रो की स्थापना
>राजनीतिक द्रष्टिकोण
यह कानून सत्ता पार्टी कॉंग्रेस का प्रमुख चुनावी वादा था ,इसे सत्ता वापसी का हथियार माना जा रहा है
> नुकसान एवं समस्याये
-इस कानून के बेहतर प्रावधानो के वावजूद इसके विप;रीत प्रभावो से इंकार नहीं किया जा सकता
-इसका मुख्य असर क्रषि उत्पादन पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव दोनो हो सकता है -हो सकता है चुकी सस्ता अनाज मिल रहा है लोगो का रुझान खेती से हटे गा
-भारत मे हर योजना को जो हास्रा होता की ये योजांये कागज तक ही सीमित रह जाती है== मूलभूत संरचना का अभाव एवं दम तोड़ती लोक वितरण प्रणाली
-भरी भर कॅम सब्सिडी भारतीय अर्थव्यवस्था पर लगभग 1000 cr का अतिरिक्त भोज पड़ेगा
>वैश्विक द्रष्टि कोण
-G-33 देशी का समूह=खाद्य सुरक्षा के लिये
-WTO के अनुसार किसी देश की क्रषि सब्सिडी उसके उत्पादन ke १०% ज्यादा नहीं हो सकता==इम्पोर्ट कॅम होगा और अमेरिका से हम इम्पोर्ट कॅम करदेगे यदि हमारी सब्सिडी ज्यादा होगी=कॉस्ट ऑफ प्रोडक्षन कॅम होगा=उत्पादन अधिक =इस लिये बराक हल्ला कर रहा है
> जनसाधारण की द्रष्टि
आम आदमी (पार्टी) के लिये निश्चित ही फायेदे का सौदा है
> सारांश
एक ओर जहा सर्वोच्च न्यायालय न्र सड़ते अनाज को मुफ्त मे बाटने की सलाह दिया वही सरकार ने इसे सस्ते दामो मे बाटने का निर्णय लिया
-अब तक इस कानून को 4 राज्यो मे लागू किया जा चुका हैगरीबो के लिये जहा एक ओर रहट है वही यह देखने दिलचस्प होगा की इस परियोजना को भारतीय अर्थव्यवस्था कब तक ढो पाती है और अंतिम व्यकि तक कैसे पहुच पाती है|
..?वैसे मैने अपना रसन कार्ड बनवालिया क्या अपने भी।

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